Monday, April 20, 2020

शादी के बाद-चार चित्र  
१ 
शादी के बाद ,
प्यार का आहार  पाकर 
जब काया छरहरी 
होती है हरी भरी 
फूलती फलती है 
तो ,तब बड़ी अखरती है 
जब सगाई की अंगूठी ,
ऊँगली में आने से ,इंकार करती है 
शादी के पहले ,
स्वच्छ्न्द उड़ने वाले पंछी,
शादी के बाद ,जब बनाते है घोंसले 
तो जिम्मेदारी के बोझ से ,
पस्त  हो जाते है  उनके होंसले 
वो भूल जाते है सारे चोंचले 
एक नाजुक सी दुल्हन 
जब अपने फूलों से कोमल हाथों से ,
 सानती  है आटा ,
या मांजती है बरतन
अपना सारा हुस्न और नज़ाकत भूल , 
बन जाती है पूरी गृहस्थन 
गरम गरम तवे पर  ,
 रोटी सेकते सेकते, 
जब गलती से ,नाजुक उँगलियाँ,
तवे से चिपक जाती है 
तो मम्मीजी की ,बड़ी याद आती है 

मदन मोहन बाहेती'घोटू'

No comments:

Post a Comment