कोरोना -एक पद
माई री मोहे ,बहुत सतायो कोरोना
मौ से कहत रहो घर माही ,बाहर घूमो फिरो ना
मुंह पर पट्टी बाँध सभी से ,गज भर दूर रहो ना
बार बार साबुन से अपने ,हाथ पड़े अब धोना
मुख से छीनी ,गरम जलेबी ,अरु रबड़ी का दोना
काम धाम की हो गयी छुट्टी ,दिनभर केवल सोना
आलस के बस फूल गयो अब तन का कोना कोना
ग्वाल बाल सब कंवारे बिचारे ,ना शादी नहीं गौना
कह 'घोटू 'सब तंग हो गये ,अब तो मुक्ति दो ना
घोटू
माई री मोहे ,बहुत सतायो कोरोना
मौ से कहत रहो घर माही ,बाहर घूमो फिरो ना
मुंह पर पट्टी बाँध सभी से ,गज भर दूर रहो ना
बार बार साबुन से अपने ,हाथ पड़े अब धोना
मुख से छीनी ,गरम जलेबी ,अरु रबड़ी का दोना
काम धाम की हो गयी छुट्टी ,दिनभर केवल सोना
आलस के बस फूल गयो अब तन का कोना कोना
ग्वाल बाल सब कंवारे बिचारे ,ना शादी नहीं गौना
कह 'घोटू 'सब तंग हो गये ,अब तो मुक्ति दो ना
घोटू
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