मोहब्बत का मसला
मोहतरमा से हुई मोहब्बत ,मोह जाल में उलझ गया
गाल गुलाबी ,तिरछी नज़रें ,अधर लाल में उलझ गया
'घोटू 'इस फेरे में फंस कर ,उन संग फेरे सात लिये ,
बैल बन गया मैं कोल्हू का ,रोटी दाल में उलझ गया
उनसे आँखें चार हुई क्या ,चार दिनों के जीवन में
कैसे पैसे चार कमाऊं ,इस सवाल में उलझ गया
संगदिल के संग,दिल मिलने की,ऐसी मुझको मिली सजा
रंग ढंग बदल गया जीवन का ,तंगहाल में उलझ गया
तेज बड़ा ही धार दार होता हथियार ,हुस्न का है ,
उसकी मादक मार सुहाती ,यार प्यार में उलझ गया
मदन मोहन बाहेती 'घोटू '
मोहतरमा से हुई मोहब्बत ,मोह जाल में उलझ गया
गाल गुलाबी ,तिरछी नज़रें ,अधर लाल में उलझ गया
'घोटू 'इस फेरे में फंस कर ,उन संग फेरे सात लिये ,
बैल बन गया मैं कोल्हू का ,रोटी दाल में उलझ गया
उनसे आँखें चार हुई क्या ,चार दिनों के जीवन में
कैसे पैसे चार कमाऊं ,इस सवाल में उलझ गया
संगदिल के संग,दिल मिलने की,ऐसी मुझको मिली सजा
रंग ढंग बदल गया जीवन का ,तंगहाल में उलझ गया
तेज बड़ा ही धार दार होता हथियार ,हुस्न का है ,
उसकी मादक मार सुहाती ,यार प्यार में उलझ गया
मदन मोहन बाहेती 'घोटू '
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