शब्बाख़ैर
कह कर के शब्बाख़ैर वो आराम कर रहे
हमको न आती नींद हम करवट बदल रहे
वो ख्वाब में खोये है ,हम खोये ख़याल में
हम ठंडी आहें भरते ,वो खर्राटे भर रहे
घोटू
कह कर के शब्बाख़ैर वो आराम कर रहे
हमको न आती नींद हम करवट बदल रहे
वो ख्वाब में खोये है ,हम खोये ख़याल में
हम ठंडी आहें भरते ,वो खर्राटे भर रहे
घोटू
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