पता नहीं कल ---
मन यदि कुछ करने को करता ,तो करने दो ,
पता न कल ,कुछ करने के हालात ना रहे
आज कामनाएं जाग्रत है ,मचल रही है ,
पता नहीं कल ,ऐसी कोई बात ना रहे
बीत गयी सो बीत गयी ,ना लौट सकेगी ,
और कल क्या क्या हो सकता है ,नहीं खबर है
सिर्फ आज है ,जिसमे तुम अपने मन माफिक ,
कुछ भी कर सकते हो ,तुममे चाह अगर है
आज वक़्त है ,उसका पूरा लाभ उठालो ,
पता नहीं कल ,समय तुम्हारे साथ ना रहे
मन यदि कुछ करने को करत्ता तो करने दो ,
पता न कल ,कुछ करने के हालत ना रहे
यूं तो कहते सारा खेल ,लकीरों का है ,
लिखा भाग्य में जो होना ,वो ही है होना
अपने मन मरजी का यदि तुम कुछ कर लोगे ,
नहीं बाद में तुम्हे पड़े पछता कर रोना
मन में आज बसे हैं सपने कुछ करने के ,
पता न कल ये जोश और जज्बात ना रहे
मन यदि कुछ करने को करता ,तो करने दो ,
पता न कल कुछ करने के हालात ना रहे
मदन मोहन बाहेती 'घोटू '
मन यदि कुछ करने को करता ,तो करने दो ,
पता न कल ,कुछ करने के हालात ना रहे
आज कामनाएं जाग्रत है ,मचल रही है ,
पता नहीं कल ,ऐसी कोई बात ना रहे
बीत गयी सो बीत गयी ,ना लौट सकेगी ,
और कल क्या क्या हो सकता है ,नहीं खबर है
सिर्फ आज है ,जिसमे तुम अपने मन माफिक ,
कुछ भी कर सकते हो ,तुममे चाह अगर है
आज वक़्त है ,उसका पूरा लाभ उठालो ,
पता नहीं कल ,समय तुम्हारे साथ ना रहे
मन यदि कुछ करने को करत्ता तो करने दो ,
पता न कल ,कुछ करने के हालत ना रहे
यूं तो कहते सारा खेल ,लकीरों का है ,
लिखा भाग्य में जो होना ,वो ही है होना
अपने मन मरजी का यदि तुम कुछ कर लोगे ,
नहीं बाद में तुम्हे पड़े पछता कर रोना
मन में आज बसे हैं सपने कुछ करने के ,
पता न कल ये जोश और जज्बात ना रहे
मन यदि कुछ करने को करता ,तो करने दो ,
पता न कल कुछ करने के हालात ना रहे
मदन मोहन बाहेती 'घोटू '
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