यार तुम्हारा प्यार गजब है
यार तुम्हारा प्यार गजब है,और तुम खुद भी यार गजब हो
मैं तो कुछ भी ना कहता हूँ ,किन्तु समझ तुम जाती सब हो
मेरा मूड समझ लेने का ,तुम्हारा अंदाज निराला
बिन मांगे हाज़िर कर देती ,मेरे लिए चाय का प्याला
मेरी शकल देख ,मेरे दिल के हालत समझ लेती हो
मेरे होंठ हिले ,इस पहले ,मेरी बात समझ लेती हो
बिन मांगे ही मिल जाता है ,जिसकी मुझको लगी तलब हो
यार तुम्हारा प्यार गजब है,और तुम खुद भी यार गजब हो
मेरी हर एक हरकत से तुम ,मन के भाव भांप लेती हो
मेरे अंदर क्या पकता है , बाहर से ही झांक लेती हो
तुम्हे पता पहले चल जाता ,मैं क्या चाल चलूँगा ,अगली
मेरे पागलपन में मेरा ,साथ निभाती ,बन कर पगली
देख मेरा व्यवहार बदलता ,लेती जान ,मेरा मतलब हो
यार तुम्हारा प्यार गजब है,और तुम खुद भी यार गजब हो
इतने दिन तक ,रहे संग संग ,एक रंग हो गया हमारा
एक हमारी सोच हो गयी ,एक ढंग हो गया हमारा
झगड़े नहीं हुआ करते है ,जब विचार मिलते आपस में
तुम मेरे बस में रहती हो ,मैं रहता तुम्हारे बस में
हर मुश्किल से लड़ सकता मैं ,मेरे साथ खड़ी तुम जब हो
यार तुम्हारा प्यार गजब है ,और तुम खुद भी यार गजब हो
मदन मोहन बाहेती 'घोटू '
यार तुम्हारा प्यार गजब है,और तुम खुद भी यार गजब हो
मैं तो कुछ भी ना कहता हूँ ,किन्तु समझ तुम जाती सब हो
मेरा मूड समझ लेने का ,तुम्हारा अंदाज निराला
बिन मांगे हाज़िर कर देती ,मेरे लिए चाय का प्याला
मेरी शकल देख ,मेरे दिल के हालत समझ लेती हो
मेरे होंठ हिले ,इस पहले ,मेरी बात समझ लेती हो
बिन मांगे ही मिल जाता है ,जिसकी मुझको लगी तलब हो
यार तुम्हारा प्यार गजब है,और तुम खुद भी यार गजब हो
मेरी हर एक हरकत से तुम ,मन के भाव भांप लेती हो
मेरे अंदर क्या पकता है , बाहर से ही झांक लेती हो
तुम्हे पता पहले चल जाता ,मैं क्या चाल चलूँगा ,अगली
मेरे पागलपन में मेरा ,साथ निभाती ,बन कर पगली
देख मेरा व्यवहार बदलता ,लेती जान ,मेरा मतलब हो
यार तुम्हारा प्यार गजब है,और तुम खुद भी यार गजब हो
इतने दिन तक ,रहे संग संग ,एक रंग हो गया हमारा
एक हमारी सोच हो गयी ,एक ढंग हो गया हमारा
झगड़े नहीं हुआ करते है ,जब विचार मिलते आपस में
तुम मेरे बस में रहती हो ,मैं रहता तुम्हारे बस में
हर मुश्किल से लड़ सकता मैं ,मेरे साथ खड़ी तुम जब हो
यार तुम्हारा प्यार गजब है ,और तुम खुद भी यार गजब हो
मदन मोहन बाहेती 'घोटू '
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