Monday, April 19, 2021

पग ,पैर और चरण

मैंने पद को लात मार दी ,अपने पैरों खड़ा हो गया
मंजिल पाने ,कदम बढ़ाये ,ऊंचाई चढ़ ,बड़ा होगया
प्रगति पथ पर ,मुझे गिराने ,कुछ लोगों ने टांग अड़ाई
लेकिन मैंने मार दुलत्ती ,उन सबको थी  धूल  चटाई
चढ़ा चरणरज मातपिता की अपने सर ,आशीषें लेकर
पाँव बढ़ाये ,महाजनो के पदचिन्हों की पगडण्डी पर
न की किसी की चरण वंदना ,न ही किसी के पाँव दबाये
पग पग आगे बढ़ा लक्ष्य को ,बिना गिरे ,बिन ठोकर खाये
पथ में आये ,हर पत्थर का ,मैं आभारी ,सच्चे दिल  से
जिनके कारण ,मैंने सीखा ,पग पग लड़ना ,हर मुश्किल से

घोटू 

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