उपचार
बात बात पर कोई बिगड़ता, ऐसा क्यों है, सोचा है क्या बिन मतलब ही गुस्सा करता, ऐसा क्यों है, सोचा है क्या कुछ ना कुछ तो परेशानियां ,होगी मन में दब ना पाती वह गुस्से और झल्लाहट का, रूप लिए फिर बाहर आती बैठो उसके साथ प्रेम से, थोड़ा उसका मन बहलाओ उसके दुखते अंतरतर को, सहानुभूति देखकर सहलाओ इतने दिन से दबी हुई जो, मन की पीर निकल जाएगी थोड़ा सा जो जतन करोगे ,सभी मुश्किलें टल जाएगी
प्यार औषधी रामबाण है, जल्दी करती बहुत असर है अगर प्यार का मलहम लगता सभी घाव फिर जाते भरहैं मानस हो जो शांत, बीमारी अपने आप भाग जाती है
लें आनंद पूर्ण जीवन का ,इच्छाशक्ति जाग जाती है
हर बीमारी का इलाज ना, कैप्सूल ना इंजेक्शन है
नहीं फटती पास बीमारी ,अगर शांत जो रहता मन है सोचोगे यदि मैं स्वस्थ हूं,lसभी बीमारी टल जाएगी बीमारी का भय निकाल दो, भेषज खुद ही मिल जाएगी अगर वस्त्र है सल्लम सल्ला, नहीं पहनने के है काबिल
गरम प्यार की प्रेस घुमा दो , मिट जायेंगे उसके सब सल
और वस्त्र फिर सुंदर होगा, बड़े शान से पहन सकोगे
मीठा बहुत प्यार का फल है ,याद रखोगे अगर चखोगे प्यार किया करता आलोकित,घर संसार सभी लोगों का प्यार प्यार और प्यार हां यही,है उपचार सभी रोगों का
मदन मोहन बाहेती घोटू
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