क्या होगा
जब डॉक्टर ही बिमार पड़े तो फिर मरीज का क्या होगा जब पत्नीजी दिन रात लड़े तो पति गरीब का क्या होगा
जब मुंह के दांत ही आपस में, हरदम टकराते रहते हैं, तो दो जबड़ों के बीच फंसी, मासूम जीभ का क्या होगा
हमने उनपे दिल लुटा दिया और उनसे मोहब्बत कर बैठे पर उनने ठुकरा दिया हमेअब इस नाचीज़ का क्या होगा
वह दूर दूर बैठे, घंटों , जब आंख मटक्का करते हैं किस्मत ने मिला दिया जो तो,मंजर करीब का क्या होगा
अरमानों से पाला जिनको, कर रहे तिरस्कृत वह बच्चे बूढ़े होते मां बाप दुखी, उनकी तकलीफ का क्या होगा
कहते हाथों की लकीरों में, किस्मत लिखता ऊपरवाला मेहनत से घिसें लकीरे तो, उनके नसीब का क्या होगा
महंगाई से तो ना लड़ते,लड़ते कुर्सी खातिर नेता ,
होगा कैसे उन्नत यह देश , इसके भविष्य का क्या होगा
मदन मोहन बाहेती घोटू
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