Wah tauji :D
Ekdum zaikedar poem hai
On Sun, Nov 7, 2021, 12:13 PM madan mohan Baheti <baheti.mm@gmail.com> wrote:
आयुष का इंदौरी प्यारनाश्ते में प्यार के पोहे जलेबी,सेव मिक्चर जीरावन नींबू मिलाकेलंच में उल्फत के घी में तरमतर जो ,वो मुलायम बाफले खाता दबाकेसाथ में मीठा तेरी बातों के जैसा,चूरमा है केसरी मन को लुभाताशाम को मैं मोहब्बत से भरी पेटिस,नर्म भुट्टो का सुहाना किस मैं पाताबहुत दिन के बाद ये पकवान पाएप्यारा का मौसम त्योंहारी हो गया हैचाह छप्पन भोग की पूरी हुई है,आजकल यह मन इंदौरी हो गया हैघोटू
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