तेरा प्यार
मैंने सारे स्वाद भुलाए, जबसे तेरा प्यार चखा है
अपने से भी ज्यादा तूने हरदम मेरा ख्याल रखा है
खुद से ज्यादा तुझको रहती हरदम औरों की है चिंता
नेह उमड़ता है नैनों से ,और बरसती रहती ममता
परेशानियां सब सह लेगी ,मुंह पर कोई शिकन ना लाए
लेकिन ख्याल रखेगी सबका ,कोई कुछ तकलीफ न पाए
तेरे मुस्काते चेहरे ने, हृदय हमारा सदा ठगा है
मैंने सारे स्वाद बुलाए जबसे तेरा प्यार चखा है
नर्म हृदय तू ,सदा नम्रता तेरे उर में रहती बसती
सारे काम किया करती है तू खुश होकर हंसती हंसती
तुझ में अच्छे संस्कार हैं तू गृहणी व्यवहार कुशल है
सुख और चैन मेरे जीवन में, तेरे मधुर प्यार का फल है
सद्भावों से भरी हुई तू, जीवनसंगिनी और सखा है
मैंने सारे स्वाद बुलाए ,जब से तेरा प्यार चखा है
मदन मोहन बाहेती घोटू
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