प्यारऔर डॉक्टर
प्यार
मिलने की ललक बढ़ जाती है
सीने की तड़फ बढ़ जाती है
जब कोई सुंदर मृगनयनी
दिल चुरा, बढ़ाती बेचैनी
उस बिन सब सूना लगता है
संसार अलूना लगता है
दिल हो जाता है दीवाना
जब प्यार हुआ तब यह जाना
डॉक्टर
कमजोरी छा जाती तन में
उत्साह न रहता जीवन में
रहने लगता है मन उदास
चिंताएं रहती आसपास
तब एक आदमी ,दे भेषज
बंधवाता है मन को ढाढस
वो डॉक्टर होता देवदूत,
बीमार हुए तब यह जाना
मदन मोहन बाहेती घोटू
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