मातृ वंदना
1
हे माता यह वंदना , है अब की नवरात्र
अपने आशीर्वाद का, मुझे बना ले पात्र
मुझे बना ले पात्र ,देवी ममता की मूर्ती
मुझे स्वस्थ कर ,भर दे पहले जैसी फुर्ती
माता तेरी कृपा दृष्टि का मैं हूं प्यासा
करूं तेरा गुणगान ,पूर्ण कर दे अभिलाषा
2
माला लेकर हाथ में , जपूं तुझे दिन रात
मेरी जीवन डोर है , मईया तेरे हाथ
मईया तेरे हाथ, ज्ञान बल धन की दाता
सरस्वती दुर्गा लक्ष्मी ,तू भाग्य विधाता
तू सबकी मां, मैं भी तो हूं तेरा बेटा
कर दे स्वस्थ मुझे ,मैं आस लगाए बैठा
मदन मोहन बाहेती घोटू
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