Wednesday, February 8, 2023

ना तो छप्पन भोग , न ही छत्तीसों व्यंजन ,
 बस दो रोटी ,दाल यही जरूरत जीवन की 
 आए खाली हाथ, जाओगे तुम वैसे ही ,
 जाती कभी न साथ तिजोरी कोई धन की 
 करो सदा सत्कर्म ,सहायता, सेवा सबकी ,
 ये ही सच्चा धर्म , काम में जो आएगा 
 गमनआगमन के चक्कर से मोक्ष दिला कर
 तुम्हे स्वर्ग का अधिकारी जो बनवायेगा 

मदन मोहन बाहेती घोटू
 

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