पति की फरमाइश
खातिर में साले साहब की जुटती हो जिस तरह,
हम पर भी मेहरबानी कुछ दिखला दिया करो
करती हो तुम दामाद की जितनी आवाभगत पकवान थोड़े हमको भी चखवा दिया करो
बच्चों पर लुटाती हो जैसे लाड प्यार तुम ,
हम पर भी इनायत कभी फरमा दिया करो
हम भी तुम्हारे शौहर हैं,कोई गैर तो नहीं ,
थोड़ी तवज्जो हम पर भी बरसा दिया करो
मदन मोहन बाहेती घोटू
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