Monday, August 7, 2023

तेरी छुअन 

तूने मुझको छुआ ऐसे 
आने लगे प्रेम संदेशे
जब भी तू मुझको छूती है ,सिहरन होती तन में 
पता नहीं क्या हो जाता पर कुछ कुछ होता मन में 
वातावरण महक जाता है फूल खिले हो जैसे 
तूने मुझको छुआ ऐसे 
आने लगे प्रेम संदेशे 
एक शिला का पत्थर था मैं, तूने मुझे तराशा 
गढ़ दी मूरत, लगी बोलने ,मधुर प्रेम की भाषा लगता है जीवंत हो गया प्यार हमारा जैसे 
तूने मुझको छुआ ऐसे 
आने लगे प्रेम संदेशे 
मैं था बीज, धरा बन तूने ,है इसको पनपाया 
तेरी देख रेख में ही मैं आज वृक्ष बन पाया 
वरना पुष्पित और पल्लवित मैं हो पाता कैसे 
तूने मुझको छुआ ऐसे 
आने लगे प्रेम संदेशे 
तेरे प्रति मेरी दीवानगी ,दिन दिन बढ़ती जाती 
मन में तू छाई रहती है ,मुझे नींद ना आती 
तुझ को लेकर ख्वाब बुना करता मैं कैसे-कैसे 
तूने मुझको छुआ ऐसे 
आने लगे प्रेम संदेशे 
जब से तुम मेरे जीवन में आई दिल के पास  
तुमने बदल दिया मेरा भूगोल और इतिहास 
बदल गए हालात रहे ना पहले जैसे 
तूने मुझको छुआ ऐसे
आने लगे प्रेम संदेशे 

मदन मोहन बाहेती घोटू 

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