शौक जवानी वाले
है तन में थोड़ी कमजोरी ,
और कई बीमारी पाले हैं
हो गई बयांसी उम्र मेरी ,
पर शौक जवानी वाले हैं
घर की रोटी और दाल छोड़,
बाहर होटल में खाते हैं
या फिर स्विगी को ऑर्डर दे,
पिज़्ज़ा बर्गर मंगवाता है
है गरम कचोरी मनभाती ,
या खाते छोले भटूरे हैं
रबड़ी केऔर जलेबी के ,
हम अब भी आशिक पूरे हैं
दो घूंट कभी गटका लेते,
तो हो जाते मतवाले हैं
हो गई बयांसी उम्र मेरी
पर शौक जवानी वाले हैं
अब भी हम पहना करता हैं
कपड़े रंगीन और चटकीले
पूरे फैशन के मारे हैं,
और शोक हमारे रंगीले
सागर तट पर सैर सपाटा ,
हमको बहुत सुहाता है
लहरों के संग,अठखेली में
मजा बहुत ही आता है
अपने मन को बहलाने के
यह सब अंदाज निराले हैं
हो गई बयांसी उम्र मेरी ,
पर शौक जवानी वाले हैं
अब भी आशिक मिजाज है दिल
जो देख हुस्न, ललचाता है
पाने को साथ जवानी का ,
मन तरसा तरसा जाता है
मन देश विदेश घूमने को
अब भी आतुर रहता हरदम
बस यूं ही उछालें भरता है,
हालांकि बचा ना कुछ दम खम
खुद को जवान समझने की,
हम गलतफहमियां पाले हैं
हो गई बयांसी उम्र मेरी ,
पर शौक जवानी वाले हैं
मदन मोहन बाहेती घोटू
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