तुमसे सीखा बाबूजी
कैसे सादा जीवन जीना ,
तुमसे सीखा बाबूजी
कैसे मन का गुस्सा पीना ,
तुमसे सीखा बाबूजी
कैसे सबका साथ निभाना,
तुमसे सीखा बाबूजी
हरदम हंसना और मुस्काना,
तुमसे सीखा बाबूजी
सीमित साधन में खुश रहना ,
तुमसे सीखा बाबूजी
खुद का दर्द अकेले सहना,
तुमसे सीखा बाबूजी
गुस्सा हो पर नहीं डांटना
तुमसे सीखा बाबूजी
सब में अपना प्यार बांटना ,
तुमसे सीखा बाबूजी
दृढ़ रह कर विपदा से लड़ना,
तुमसे सीखा बाबूजी
सोच समझ कर आगे बढ़ना,
तुमसे सीखा बाबूजी
संस्कार शुभ ,सब में बांटो,
तुमसे सीखा बाबूजी
हंसते-हंसते जीवन काटो
तुमसे सीखा बाबूजी
कम खाओ,और गम खाओ तुम
तुमसे सीखा बाबूजी
कलह रुकेगा ,तुम नम जाओ
तुमसे सीखा बाबूजी
पैसा पा अभिमान न करना
तुमसे सीखा बाबूजी
कोई का अपमान न करना ,
तुमसे सीखा बाबूजी
सदा नम्रता को अपनाओ
तुमसे सीखा बाबूजी
पूजा करो ,प्रभु गुण गाओ,
तुमसे सीखा बाबूजी
तुम्हारी ही शिक्षाओं का फल है कि परिवार सभी
है समृद्ध ,मिलजुल रहते हैं
बांट रहे हैं प्यार सभी
मदन मोहन बाहेती घोटू
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