आएगा एक दिन सबका अंत
थम जाएगा यूं ही अचानक सांसों का यह तंत्र
कोई भाग्यवान जो जन्मा,बन कर के श्रीमंत
कोई दुखी गरीब बिचारा ,पीड़ा पाई अनंत
सबने सारे मौसम देखे ,गर्मी ,शीत, बसंत
तेरे अपने साथ तभी तक,जब तक तू जीवंत
मरने पर ना पास रखेंगे, देंगे फूंक तुरंत
अंतिम सबकी यही गति है, राजा हो या संत
साथ जाएंगे कर्म ,किए हैं जो जीवन पर्यंत
सबसे करके प्रेम लूट ले जीवन का आनंद
आएगा एक दिन सबका अंत
मदन मोहन बाहेती घोटू
No comments:
Post a Comment