सीनियर सिटी जन
साठ साल की उम्र के होने पर
रिटायर मेंट के बाद की पेंशन हू
या रेलवे में मिलने वाला कन्सेशन हू
या फिर पेंसठ साल के बाद का
इनकम टैक्स एक्सेम्प्शन हू
कितनी ही विसंगतियों से भरा
एक साधारण जन हू
जी हाँ में एक सीनियर सिटिजन हू
जब में परिपक्व और
अनुभवों से भरपूरहोता हू
रिटायर कर दिया जाता हू
क्योकि नयी पीड़ी के लिए
मै ही जगह बनाता हू
सिर्फ राजनीती में ही मेरी कद्र होती हे
क्योकि नेता के रिटायर मेंट की कोई उम्र नहीं होती हे
जो पेरो से खुद नहीं चल पाता हे
वो पूरे देश को चलता हे
और आने वाली पुश्तो का भी
इंतजाम कर जाता हे
जिसका ब्याज कई गुना बढ गया हे
एसा मूलधन हू
जी हां में एक सीनियर सिटिजन हू
मेरे लिए बस में,ट्रेन में
और घर के एक कोने में
एक सीट रिजर्व होती हे
एक सीट ऊपर भी रिजेर्व होती हे
स्वर्ग हो या नरक
कही भी जाऊ, क्या पड़ेगा फर्क
क्योकि इन दोनों लोको का अनुभव
मेने इसी जीवन में ले लिया हे
कभी हंसी ख़ुशी, कभी घुट घुट के
जीवन जिया हे
थका हुआ तन हू
टूटा हुआ मन हू
जी हां में एक सीनियर सिटिजन हू
प्रकृति के नियम भी अजीब हे
वृक्षो से जब पुराने पत्ते गिर जाते हे
तब नए पत्ते आते हे
पर इंसानों में
पुराने पत्ते पहले नए पत्तो को उगाते हे
और नए पत्ते थोड़े बड़े होने पर
पुराने पत्तो को गिराते हे
में भी एसा ही पका हुआ पुराना पत्ता हू
जो कभी भी गिराया जा सकता हू
मेरी वानप्रस्थ की उम्र हे
इसलिए रोज बगीचे में घूमने जाता हू
चिंता और जिम्मेदारियों से मुक्त
सन्यासी सा जीवन बिताता हू
लाफिंग क्लब में हँसता हू
और साँस लेने के लिए करता प्राणायाम योगासन हू
जी हां में एक सीनियर सिटिजन हूa
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