Friday, January 14, 2011

रेवड़ी

        रेवड़ी
मेरे दिल में मिठास है
कुछ खुशबू खास है
कड़क कुरमुरी हूँ
स्वाद से भरी हूँ
मुझसे लिपटे है जितने तिल
वो है मेरे चाहने वालो के दिल
सोने की अशर्फी हूँ
मोतियों से जड़ी हूँ
मै रेवड़ी हूँ
सर्दी की उष्मा हूँ
प्यार का उपहार हूँ
दिलों से लिपटा हुआ ,
मिलन का त्यौहार हूँ
जो खाता खिलाता है
बस ये ही चाहता है
मीठा खाओ ,मीठा बोलो
सब के मन में अमृत घोलो
महाराष्ट्र का तिल  गुड हूँ
यूपी की खिचड़ी हूँ
आसाम का बिहू
केरल का पोंगल और
पंजाब की लोहड़ी हूँ
मै रेवड़ी हूँ

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