सवैया
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1
सीस पर सुहाय रहे ,केसन के दल पर दल,
फेसन के मारे वा में तेल नहीं डारो है
मुखड़े पर पोत लियो ,मन भर के पाउडर,
गरदन को रंग मगर ,दिखे कारो कारो है
फेशन की रोगिन ने ,जोगिन को रूप धरयो,
पहन लियो भगवा सो कुर्तो ढीरो ढारो है
बल खाती बिजली से,बरस रही बदली से ,
फेशन की पुतली से ,पड्यो हाय पालो है
२
सुरमा लगे लियो,अखियन अरु पलकन पर,
सूरमा सी डोलत है, वर करे नैनन के
तनी रहे तन्वांगी, तुनक तुनक बात करे,
ताने दे तान तान ,घात करे तन तन के
मुस्कावत ,मनभावत,चाहत पर शरमावत,
बनी ठनी रूपकनी,बात करे बन बन के
होटन हंसी फूट जाये,'घोटू' मन लूट जाए,
हाथन से छूट जाये, रूठ जाये मन मन के
मदन मोहन बहेती 'घोटू'
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सीस पर सुहाय रहे ,केसन के दल पर दल,
फेसन के मारे वा में तेल नहीं डारो है
मुखड़े पर पोत लियो ,मन भर के पाउडर,
गरदन को रंग मगर ,दिखे कारो कारो है
फेशन की रोगिन ने ,जोगिन को रूप धरयो,
पहन लियो भगवा सो कुर्तो ढीरो ढारो है
बल खाती बिजली से,बरस रही बदली से ,
फेशन की पुतली से ,पड्यो हाय पालो है
२
सुरमा लगे लियो,अखियन अरु पलकन पर,
सूरमा सी डोलत है, वर करे नैनन के
तनी रहे तन्वांगी, तुनक तुनक बात करे,
ताने दे तान तान ,घात करे तन तन के
मुस्कावत ,मनभावत,चाहत पर शरमावत,
बनी ठनी रूपकनी,बात करे बन बन के
होटन हंसी फूट जाये,'घोटू' मन लूट जाए,
हाथन से छूट जाये, रूठ जाये मन मन के
मदन मोहन बहेती 'घोटू'
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