तेरे हाथ में
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तेरे हाथों की बनायी
दाल ,सब्जी,मिठाई,
मैंने चाट चाट खायी
डूब स्वाद में
पैसे पर्स के मेरे
हाथ लगने पे तेरे
जाने कहाँ उड़ गए रे
बात बात में
अपनी उंगली पे नचा के,
मुझे बहलाती सहला के
रख्खे दीवाना बना के,
दिन रात में
मन करती है बेकाबू
सच सच बतला तू
जाने कैसा है रे जादू
तेरे हाथ में
मदन मोहन बाहेती 'घोटू'
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