सुख समधन का
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सबका दुलार प्यार,
अच्छी सी देखभाल,
चूमे सब बार बार,
ये सुख है बचपन का
यौवन ऋतू मदमाती,
है खुशियाँ बरसाती ,
जब जीवन का साथी,
देता सुख यौवन का
प्यार पुष्प जब लहके
बच्चों से घर महके,
जब किलकारी चहके,
मिलता सुख जीवन का
बच्चों की शादी कर,
खुशियों से भरता घर,
बोनस में मिलता पर,
हमको सुख समधन का
मदन मोहन बहेती 'घोटू'
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सबका दुलार प्यार,
अच्छी सी देखभाल,
चूमे सब बार बार,
ये सुख है बचपन का
यौवन ऋतू मदमाती,
है खुशियाँ बरसाती ,
जब जीवन का साथी,
देता सुख यौवन का
प्यार पुष्प जब लहके
बच्चों से घर महके,
जब किलकारी चहके,
मिलता सुख जीवन का
बच्चों की शादी कर,
खुशियों से भरता घर,
बोनस में मिलता पर,
हमको सुख समधन का
मदन मोहन बहेती 'घोटू'
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