मेरी बीबी,बदली सी है
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बहुत गरजती है पहले ,फिर रस बरसाती
मेरी बीबी इसी तरह से प्यार जताती
बिजली सी कड़का करती है,बहुत कड़क है
माटी जैसी मगर मुलायम,अन्दर तक है
दग्ध ह्रदय का ताप,पीर है सब हर लेती
मुस्का,प्यार फुहार,प्रेम से बरसा देती
भिगा,प्रेम में, पागल करती,खुद हो पगली
मेरी बीबी,प्यार भरी है,सुख की बदली
यही कड़कपन,गर्जन,मन को लगे है भली
बदला सब कुछ,उम्र ,ज़माना,ये ना बदली
मदन मोहन बाहेती'घोटू'
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बहुत गरजती है पहले ,फिर रस बरसाती
मेरी बीबी इसी तरह से प्यार जताती
बिजली सी कड़का करती है,बहुत कड़क है
माटी जैसी मगर मुलायम,अन्दर तक है
दग्ध ह्रदय का ताप,पीर है सब हर लेती
मुस्का,प्यार फुहार,प्रेम से बरसा देती
भिगा,प्रेम में, पागल करती,खुद हो पगली
मेरी बीबी,प्यार भरी है,सुख की बदली
यही कड़कपन,गर्जन,मन को लगे है भली
बदला सब कुछ,उम्र ,ज़माना,ये ना बदली
मदन मोहन बाहेती'घोटू'
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