Friday, November 18, 2011

ख्वाब सुनहरे

ख्वाब सुनहरे
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एश्वर्या सुन्दर बहुत,चेहरे पर है आब
विश्व सुंदरी  का मिला था जब उसे खिताब
था जब उसे खताब,आपको क्या बतलाऊ
मन में आया ख्वाब,गले से उसे लगाऊ
लेकिन ब्याह रचाया उसने ,हुई पराई
ख़ुशी हुई जब उसके घर में बेटी आई
                   २
बेटी हिरोईन बने,बीस बरस के बाद
और मेरा पोता बने,हीरो उसके साथ
हीरो उसके साथ,प्यार उनमे हो जाये
फिर  वो दोनों मिले जुले और ब्याह रचाये
हो सपने  साकार,बहुत रोमांचत है मन
लगे लगाऊ,एश्वर्या हो मेरी समधन

मदन मोहन बाहेती'घोटू'

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