Sunday, March 11, 2012

मै तुम्हारा प्रीतम हूँ

मै तुम्हारा प्रीतम हूँ

तुम तो मेरी प्रेम सुधा हो,मै तुम्हारा प्रीतम हूँ


तुम मधुबाला ,मै मधु प्रेमी,तुम रसवंती,मै प्याला

मै हूँ भ्रमर ,कली तुम खिलती,प्रेमभरी मै मधुशाला
तुम वीणा के तार बजाती,मै तुम्हारी सरगम हूँ
तुम तो मेरी प्रेमसुधा हो, मै तुम्हारा प्रीतम हूँ
तुम गंगा सी कल कल करती,उज्जवल,चंचल,जलधारा
लहरें उठा बुलाता तुमको,मै तो हूँ सागर खारा
हम तुम खोते इक दूजे में,मै तो वो ही संगम हूँ
तुम तो मेरी प्रेमसुधा हो,मै तुम्हारा प्रीतम हूँ
मै हूँ धूप भरी दोपहरी,शीतल ,मधुर,चांदनी तुम
तुम्हारी धुन पर मै नाचूं,ऐसी मधुर  रागिनी तुम
तुम सुख देता मधुर मिलन हो,मै प्यारा आलिंगन हूँ
तुम तो मेरी  प्रेमसुधा हूँ,मै तुम्हारा प्रीतम  हूँ

मदन मोहन बाहेती'घोटू'

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