होली के रंग-बुजुर्गों के संग
हम बुजुर्ग है ,एकाकी है
पर अब भी उमंग बाकी है
हंसी खुशी से हम जियेंगे,
जब तक ये जीवन बाकी है
अपनों ने दिल तोडा तो क्या ,
हमउम्रों का संग बाकी है
बहुत लड़ लिए हम जीवन में,
अब ना कोई जंग बाकी है
मस्ती में बाकी का जीवन,
जी लेने के ढंग बाकी है
आओ मौज मनाये मिलकर ,
होली वाले रंग बाकी है
ऐसे होली रंग में भीजें,
सूखा कोई न अंग बाकी है
मदन मोहन बाहेती'घोटू'
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