{आज राधा अष्ठमी है -राधाजी के और आज के
फेशन से जुडी एक कल्पना प्रस्तुत है }
स्कर्ट अवतरण
राधारानी भोलीभाली
बरसाना की रहने वाली
और दूसरी और कन्हैया
नटखट थे अति चोर कन्हैया
फोड़ी हंडिया ,माखन खाते
चीर हरण करते,छुप जाते
सब गोपी डरती थी उनसे
मगर प्यार करती थी उनसे
चली होड़ उनमे आपस में
कौन करे कान्हा को बस में
मगर किसी को लिफ्ट नहीं दी
कान्हा की आदत अजीब थी
राधाजी का हुआ बर्थडे
पहने नए नए सब कपडे
रंगबिरंगी चुनरी अंगिया
ऊंची ऊंची पहन घघरिया
सहम सहम कर धीरे धीरे
चली खेलने ,जमुना तीरे
नहां रही जमुना में सखियाँ
मगर पडी कान्हा पर अँखियाँ
बस फिर तो घबराई राधा
चीर हरण का डर था ज्यादा
नए वस्त्र का ख्याल छोड़ कर
जमुना में घुस गयी दौड़ कर
ऊंची घघरी नयी नयी थी
'सेन्फ्राइज्ड' की छाप नहीं थी
जल से बाहर निकली रधिया
सिकुड़ गयी थी नयी घघरिया
घुटनों तक ऊंची चढ़ आयी
पर कान्हा मन इतनी भायी
कि राधा पर रीझ गए वो
और प्रेम रस भीज गए वो
उन दोनों का प्यार छुपा ना
राज गोपियों ने जब जाना
शुरू हो गया कम्पीटीशन
ऊंची घघरी वाला फेशन
फैला ,अपरम्पार हो गया
और स्कर्ट अवतार हो गया
मदन मोहन बाहेती'घोटू'
फेशन से जुडी एक कल्पना प्रस्तुत है }
स्कर्ट अवतरण
राधारानी भोलीभाली
बरसाना की रहने वाली
और दूसरी और कन्हैया
नटखट थे अति चोर कन्हैया
फोड़ी हंडिया ,माखन खाते
चीर हरण करते,छुप जाते
सब गोपी डरती थी उनसे
मगर प्यार करती थी उनसे
चली होड़ उनमे आपस में
कौन करे कान्हा को बस में
मगर किसी को लिफ्ट नहीं दी
कान्हा की आदत अजीब थी
राधाजी का हुआ बर्थडे
पहने नए नए सब कपडे
रंगबिरंगी चुनरी अंगिया
ऊंची ऊंची पहन घघरिया
सहम सहम कर धीरे धीरे
चली खेलने ,जमुना तीरे
नहां रही जमुना में सखियाँ
मगर पडी कान्हा पर अँखियाँ
बस फिर तो घबराई राधा
चीर हरण का डर था ज्यादा
नए वस्त्र का ख्याल छोड़ कर
जमुना में घुस गयी दौड़ कर
ऊंची घघरी नयी नयी थी
'सेन्फ्राइज्ड' की छाप नहीं थी
जल से बाहर निकली रधिया
सिकुड़ गयी थी नयी घघरिया
घुटनों तक ऊंची चढ़ आयी
पर कान्हा मन इतनी भायी
कि राधा पर रीझ गए वो
और प्रेम रस भीज गए वो
उन दोनों का प्यार छुपा ना
राज गोपियों ने जब जाना
शुरू हो गया कम्पीटीशन
ऊंची घघरी वाला फेशन
फैला ,अपरम्पार हो गया
और स्कर्ट अवतार हो गया
मदन मोहन बाहेती'घोटू'
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