प्यार और जिन्दगी
नज़र जब तुमसे मिली
प्यार की कलियाँ खिली
मन मचलने लग गया
हुआ था कुछ कुछ नया
प्यार में यूं गम हुए
बावरे हम तुम हुए
प्रीत के थे बीज बोये
तुम भी खोये,हम भी खोये
रात कुछ ऐसी कटी
सुहानी पर अटपटी
ख्वाब में तुम आई ना
नींद हमको आई ना
और तुमसे क्या कहें
बदलते करवट रहे
मिलन के सपने संजोये
जगे हम, तुम भी न सोये
ये हमारी जिन्दगी
थोडा गम,थोड़ी खुशी
आई कितनी दिक्कतें
रहे चलते,ना थके
बस यूं ही बढ़ते रहे
गमो से लड़ते रहे
आस की माला पिरोये
हम हँसे भी और रोये
मदन मोहन बाहेती'घोटू'
नज़र जब तुमसे मिली
प्यार की कलियाँ खिली
मन मचलने लग गया
हुआ था कुछ कुछ नया
प्यार में यूं गम हुए
बावरे हम तुम हुए
प्रीत के थे बीज बोये
तुम भी खोये,हम भी खोये
रात कुछ ऐसी कटी
सुहानी पर अटपटी
ख्वाब में तुम आई ना
नींद हमको आई ना
और तुमसे क्या कहें
बदलते करवट रहे
मिलन के सपने संजोये
जगे हम, तुम भी न सोये
ये हमारी जिन्दगी
थोडा गम,थोड़ी खुशी
आई कितनी दिक्कतें
रहे चलते,ना थके
बस यूं ही बढ़ते रहे
गमो से लड़ते रहे
आस की माला पिरोये
हम हँसे भी और रोये
मदन मोहन बाहेती'घोटू'
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