आ गया चुनाव है
मुफलिसी और बदनसीबी ,झेलना मुश्किल बहुत
अगर झगडालू हो बीबी, झेलना मुश्किल बहुत
भूख,बदहाली ,गरीबी, झेलना मुश्किल बहुत
आधासीसी हो या टी बी ,झेलना मुश्किल बहुत
झूंठे वादे और भाषण ,झेल अब ना पाएंगे
मीठी बातें,आश्वासन,झेल अब ना पाएंगे
चीर खींचे जो दुःशासन ,झेल अब ना पाएंगे
भ्रष्ट हो ,ऐसा कुशासन , झेल अब ना पाएंगे
रोज के आरोप, प्रत्यारोप में क्या रख्खा है
कोल माईन या कि बोफोर तोप में क्या रख्खा है
रोज की झूंठी दिलासा ,होप में क्या रख्खा है
इस तरह नाराजगी और कोप में क्या रख्खा है
बहुत हैं हम चोंट खाये, आ गया चुनाव है
बदल डालें व्यवस्थाएं ,आ गया चुनाव है
नहीं भ्रष्टों को जिताएं ,आ गया चुनाव है
नयों को भी आजमाएं ,आ गया चुनाव है
मदन मोहन बाहेती'घोटू'
मुफलिसी और बदनसीबी ,झेलना मुश्किल बहुत
अगर झगडालू हो बीबी, झेलना मुश्किल बहुत
भूख,बदहाली ,गरीबी, झेलना मुश्किल बहुत
आधासीसी हो या टी बी ,झेलना मुश्किल बहुत
झूंठे वादे और भाषण ,झेल अब ना पाएंगे
मीठी बातें,आश्वासन,झेल अब ना पाएंगे
चीर खींचे जो दुःशासन ,झेल अब ना पाएंगे
भ्रष्ट हो ,ऐसा कुशासन , झेल अब ना पाएंगे
रोज के आरोप, प्रत्यारोप में क्या रख्खा है
कोल माईन या कि बोफोर तोप में क्या रख्खा है
रोज की झूंठी दिलासा ,होप में क्या रख्खा है
इस तरह नाराजगी और कोप में क्या रख्खा है
बहुत हैं हम चोंट खाये, आ गया चुनाव है
बदल डालें व्यवस्थाएं ,आ गया चुनाव है
नहीं भ्रष्टों को जिताएं ,आ गया चुनाव है
नयों को भी आजमाएं ,आ गया चुनाव है
मदन मोहन बाहेती'घोटू'
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