आम आदमी
कानो पे है गुलबंद ,सर पे टोपी है सफ़ेद ,
है सीधा,सादा और खरा ,आम आदमी
ना सरकारी बँगला है ना सरकारी कार है,
ना है दिखावट उसमे जरा ,आम आदमी
कहता है भ्रष्टाचार हम ,जड़ से मिटायेंगे ,
विश्वास से है कितना भरा , आम आदमी
आया है बन के केहरी ,अरविन्द केजरी ,
है शेर,किसी से न डरा ,आम आदमी
मदन मोहन बाहेती'घोटू'
कानो पे है गुलबंद ,सर पे टोपी है सफ़ेद ,
है सीधा,सादा और खरा ,आम आदमी
ना सरकारी बँगला है ना सरकारी कार है,
ना है दिखावट उसमे जरा ,आम आदमी
कहता है भ्रष्टाचार हम ,जड़ से मिटायेंगे ,
विश्वास से है कितना भरा , आम आदमी
आया है बन के केहरी ,अरविन्द केजरी ,
है शेर,किसी से न डरा ,आम आदमी
मदन मोहन बाहेती'घोटू'
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