हम आपके है कौन
सत्ता में तुम आये हो हमारे ही सहारे ,
बैसाखी तो हमारी है ,फिर भी हम गौण है
हम गिराया ऐसा नीचे आसमान से ,
किस्मत ना साथ,मन मसोस ,चुप है ,मौन है
जनता को बरगलाते कर बातें बड़ी बड़ी ,
और हमको रहते कोसते हो तुम घड़ी घड़ी ,
ये प्यार के इजहार का कैसा है तरीका ,
हमको बता दोये कि 'हम आपके कौन है'?
मदन मोहन बाहेती'घोटू'
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