थिरकन
सर्दियाँ होती है तो बदन कंपकंपाता है
आदमी ,गुस्से में होता है,काँप जाता है
बड़ा करीब का रिश्ता है तन का थिरकन से,
प्यार में ,लब थिरकते,जिस्म थरथराता है
घोटू
सर्दियाँ होती है तो बदन कंपकंपाता है
आदमी ,गुस्से में होता है,काँप जाता है
बड़ा करीब का रिश्ता है तन का थिरकन से,
प्यार में ,लब थिरकते,जिस्म थरथराता है
घोटू
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