नहले पर दहला
एक दिन अपनी बीबी को,कहा मैंने चिढ़ाने को,
गया हूँ मैं बहुत बोअर ,बदलने टेस्ट जाना है
इसलिए सोचता हूँ मैं ,चला ससुराल ही जाऊं ,
मज़ा संग छोटी साली के ,मुझे दूना ही आना है
ससुर और सास का कुछदिन, मिलेगा लाड़ भी मुझको,
संग सलहज के मस्ती में,मुझे टाइम बिताना है
कहा पत्नी ने खुश होकर ,बताओ जा रहे कब,
मेरे जीजाजी को भी थोड़े दिन ,मुझ संग बिताना है
मदन मोहन बाहेती'घोटू'
एक दिन अपनी बीबी को,कहा मैंने चिढ़ाने को,
गया हूँ मैं बहुत बोअर ,बदलने टेस्ट जाना है
इसलिए सोचता हूँ मैं ,चला ससुराल ही जाऊं ,
मज़ा संग छोटी साली के ,मुझे दूना ही आना है
ससुर और सास का कुछदिन, मिलेगा लाड़ भी मुझको,
संग सलहज के मस्ती में,मुझे टाइम बिताना है
कहा पत्नी ने खुश होकर ,बताओ जा रहे कब,
मेरे जीजाजी को भी थोड़े दिन ,मुझ संग बिताना है
मदन मोहन बाहेती'घोटू'
No comments:
Post a Comment