किस्मत -कुत्ते की
हर कुत्ते की ऐसी किस्मत कब होती है ,
कोई कोठी या बंगलें में पाला जाए
हो उसको नसीब सोहबत ऊंचे लोगों की,
बिस्किट और दूध खाने को डाला जाए
जब जी चाहे प्यार दिखाए 'मेडम जी'कॉ ,
जब जी चाहे उनके चरण कमल को चूमे
नाजुक नाजुक प्यारे हाथ जिसे सहलाएं ,
जब जी चाहे ,मेडम की बाहों में झूमे
साहब को घर छोड़ ,सवेरे शाम प्रेम से ,
घर की मेडम जिसे प्यार से हो टहलाती
उसके संग संग ,खेल खेल कर गेंदों वाला ,
बड़े प्यार से हो अपने मन को बहलाती
जिसको घर के अंदर बाहर ,हर कोने में,
हो स्वच्छंद विचरने की पूरी आजादी
जो मालिक के बैडरूम में और बिस्तर पर,
प्रेमप्रदर्शन करने का हो हरदम आदी
अगर अजनबी कोई जो घर में घुस जाए,
भौंक भौंक कर ,वो उसका जी दहलाता हो
लेकिन एक इशारे पर मालिक के चुप हो,
दुम को दबा ,एक कोने में छुप जाता हो
बाकी कुत्ते गलियों में घूमा करते है ,
फेंकी रोटी खा कर पेट भरा करते है
उनका कोई ठौर ठिकाना ना होता है,
आवारा से आपस में झगड़ा करते है
पर ये किस्मतवाला रहता बड़े शान से ,
खुशबू वाले शेम्पू से नहलाया जाए
हर कुत्ते की कब ऐसी किस्मत होती है ,
कोई कोठी या बंगले में पाला जाए
मदन मोहन बाहेती'घोटू'
हर कुत्ते की ऐसी किस्मत कब होती है ,
कोई कोठी या बंगलें में पाला जाए
हो उसको नसीब सोहबत ऊंचे लोगों की,
बिस्किट और दूध खाने को डाला जाए
जब जी चाहे प्यार दिखाए 'मेडम जी'कॉ ,
जब जी चाहे उनके चरण कमल को चूमे
नाजुक नाजुक प्यारे हाथ जिसे सहलाएं ,
जब जी चाहे ,मेडम की बाहों में झूमे
साहब को घर छोड़ ,सवेरे शाम प्रेम से ,
घर की मेडम जिसे प्यार से हो टहलाती
उसके संग संग ,खेल खेल कर गेंदों वाला ,
बड़े प्यार से हो अपने मन को बहलाती
जिसको घर के अंदर बाहर ,हर कोने में,
हो स्वच्छंद विचरने की पूरी आजादी
जो मालिक के बैडरूम में और बिस्तर पर,
प्रेमप्रदर्शन करने का हो हरदम आदी
अगर अजनबी कोई जो घर में घुस जाए,
भौंक भौंक कर ,वो उसका जी दहलाता हो
लेकिन एक इशारे पर मालिक के चुप हो,
दुम को दबा ,एक कोने में छुप जाता हो
बाकी कुत्ते गलियों में घूमा करते है ,
फेंकी रोटी खा कर पेट भरा करते है
उनका कोई ठौर ठिकाना ना होता है,
आवारा से आपस में झगड़ा करते है
पर ये किस्मतवाला रहता बड़े शान से ,
खुशबू वाले शेम्पू से नहलाया जाए
हर कुत्ते की कब ऐसी किस्मत होती है ,
कोई कोठी या बंगले में पाला जाए
मदन मोहन बाहेती'घोटू'
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