जीवन चुनाव
ये जीवन क्या ,ये जीवन तो एक चुनाव है ,
इसमें हम तुम ,और कितने ही प्रत्याशी है
इसमें कोई तो है झगड़ालू प्रकृति वाला,
तो कोई ,सीधासादा और मृदुभाषी है
सबसे पहले अपने इस जीवन चुनाव में ,
अच्छा क्या है और बुरा क्या चुनना होगा
केवल अपनी ही हाँकोगे ,नहीं चलेगा ,
बात दूसरों की भी तुमको सुनना होगा
तुम्हारा 'मेनिफेस्टो',क्या है ,कैसा है ,
सोच समझ कर तुमको इसे बनाना होगा
हो सकता है ,बहुत विरोध तुम्हे मिल जाए ,
विपदाओं से ,बिलकुल ना घबराना होगा
अगर जीतना है तुमको यदि इस चुनाव में ,
और नाव है यदि जो अपनी पार लगानी
कितना भी मिल जाय तुम्हे मौसम तूफानी,
धीरज अगर धरोगे तो होगी आसानी
कितने ही लालू ,तुमको आ गाली देंगे,
कितने ही पप्पू ,विरोध आ, जतलायेंगे
लोग मिलेंगे ऐसे भी तुम्हारे बन कर,
छेद करें उस थाली में ,जिसमे खाएंगे
लेकिन ये सब एक हक़ीक़त है जीवन की,
उतर अखाड़े में ,मलयुद्ध ,तुम्हे है लड़ना
सिर्फ शक्ति ही नहीं ,युक्ति भी काम आएगी ,
सीख दूसरों के अनुभव से होगा चलना
आलोचक भी कई मिलेंगे ,यदि जो तुमको ,
कई चाहने वाले भी तो मिल जाएंगे
उनका सब सहयोग भुनाना होगा तुमको,
इस चुनाव को तब ही आप जीत पाएंगे
और जीत के बाद बहुत रस्ता मुश्किल है,
वादे जितने किये ,निभाने होंगे सारे
इसीलिए ,ये उचित करो तुम वो ही वादे ,
जिनको पूरा करना हो बस में तुम्हारे
मदन मोहन बाहेती'घोटू'
ये जीवन क्या ,ये जीवन तो एक चुनाव है ,
इसमें हम तुम ,और कितने ही प्रत्याशी है
इसमें कोई तो है झगड़ालू प्रकृति वाला,
तो कोई ,सीधासादा और मृदुभाषी है
सबसे पहले अपने इस जीवन चुनाव में ,
अच्छा क्या है और बुरा क्या चुनना होगा
केवल अपनी ही हाँकोगे ,नहीं चलेगा ,
बात दूसरों की भी तुमको सुनना होगा
तुम्हारा 'मेनिफेस्टो',क्या है ,कैसा है ,
सोच समझ कर तुमको इसे बनाना होगा
हो सकता है ,बहुत विरोध तुम्हे मिल जाए ,
विपदाओं से ,बिलकुल ना घबराना होगा
अगर जीतना है तुमको यदि इस चुनाव में ,
और नाव है यदि जो अपनी पार लगानी
कितना भी मिल जाय तुम्हे मौसम तूफानी,
धीरज अगर धरोगे तो होगी आसानी
कितने ही लालू ,तुमको आ गाली देंगे,
कितने ही पप्पू ,विरोध आ, जतलायेंगे
लोग मिलेंगे ऐसे भी तुम्हारे बन कर,
छेद करें उस थाली में ,जिसमे खाएंगे
लेकिन ये सब एक हक़ीक़त है जीवन की,
उतर अखाड़े में ,मलयुद्ध ,तुम्हे है लड़ना
सिर्फ शक्ति ही नहीं ,युक्ति भी काम आएगी ,
सीख दूसरों के अनुभव से होगा चलना
आलोचक भी कई मिलेंगे ,यदि जो तुमको ,
कई चाहने वाले भी तो मिल जाएंगे
उनका सब सहयोग भुनाना होगा तुमको,
इस चुनाव को तब ही आप जीत पाएंगे
और जीत के बाद बहुत रस्ता मुश्किल है,
वादे जितने किये ,निभाने होंगे सारे
इसीलिए ,ये उचित करो तुम वो ही वादे ,
जिनको पूरा करना हो बस में तुम्हारे
मदन मोहन बाहेती'घोटू'
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