पहले पहले ही 'ओवर' में,कर डाला हमको 'क्लीन बोल्ड' ,
कुछ बात थी तेरी 'बॉलिंग 'में,कुछ बात थी मेंरी 'बेटिंग' में
वो फेस,'फेसबुक' पर तेरा ,वो' व्हाट्सऐप' के संदेशे ,
दीदार प्यार ' स्काइप 'पर,कुछ बात थी तेरी 'चेटिंग' में
तुझको अपना दिल दे बैठे ,और तेरे दीवाने हो बैठे ,
वो छुपछुप करमिलना जुलना ,कुछ बात थी तुझ संग डेटिंग में
कुछ बात थी मेंरे कहने में ,कुछ बात थी तेरे सुनने में ,
कुछ बात थी दिल के लुटने में,कुछ बात थी अपनी सेटिंग में
पर जब से है 'मेरेज' हुई, इस तरह जिंदगी कैद हुई ,
सब दीवानापन फुर्र हुआ ,अपनी वो गुटरगूं बंद हुई
दिन भर मैं पिसता दफ्तर में,तुम दिन भर मौज करो घर में ,
मैं थका पस्त ,और अस्तव्यस्त ,अब जीवन की गति मंद हुई
मैं ऐसा फंसा गृहस्थी में ,सब आग लग गयी मस्ती में,
स्वच्छंद जिंदगी होती थी ,वो आज बड़ी पाबन्द हुई
ये तबला अब बेताल हुआ , मेरा ऐसा कुछ हाल हुआ ,
मैं मंहगाई में पिचक गया ,तुम फैली सेहतमंद हुई
मदन मोहन बाहेती'घोटू'
No comments:
Post a Comment