Tuesday, February 2, 2016

       सर्दी के रंग

कोहरे से धुंधलाया ,आसमान नीला सा
सूरज का रंग भी ,पड़  गया पीला सा
गुलाबी गुलाबी सी ,सर्दियाँ पड़ने लगी
वृक्षों की हरियाली ,थोड़ी उजड़ने लगी
अलाव की लाल लाल,लपटों ने सहलाया
श्वेत बर्फ चादर ने ,सर्दी से सिहराया
सूरज के ढलने पर नारंगी हुई साँझ
रात रजाई में दुबकी,काला सा काजल आंझ
बैगनी 'प्यार घाव',सवेरे नज़र आये
सर्दी ने, देखो तो, सभी रंग बिखराये

घोटू 

No comments:

Post a Comment