भड़ास
यह एक कटु सत्य है ,
कि हर पति की तरह ,
मै भी अपनी पत्नी से डरता हूँ
और उनकी उँगलियों के ,
इशारों पर नाचा करता हूँ
चाहे किसी की भी हो गलती
डाट मुझ पर ही पड़ती
पत्नी के आगे मेरी एक नहीं चलती
रह जाता हूँ मन मसोस
और अपनी तक़दीर को कोस
सोचता हूँ कि मै अकेला ही नहीं हूँ,
जिसे झेलनी पड़ती ये मुसीबत है
हर पति की ये ही हालत है
फिर भी निकालने को मन के भड़ास
मै भिंडी की सब्जी बनाता हूँ ख़ास
लम्बी लम्बी भिंडियों को काट कर ,
फिर उनमे चीरा लगा कर
मिर्च और मसाला देता हूँ भर
फिर उन्हें गरम गरम तेल में पकाता हूँ
और दबा दबा कर खाता हूँ
क्योंकि भिंडियों को अंग्रेजी में ,
कहते है लेडी फिंगर
याने औरत की उँगलियाँ ,
और यही सोच कर
कि मेरे ऊपर जो उंगलियों के
इशारों ने किया है अत्याचार
उसका मैं लेता हूँ प्रतिकार
चाहे गलत है या सही है
मेरा भड़ास निकालने का तरीका यही है
और कुछ कर सकने की ,
मुझमे हिम्मत ही नहीं है
या फिर टी वी का रिमोट लेकर ,
बार बार चैनल हूँ बदलता
और दूर करता हूँ अपनी व्याकुलता
और यही सोच कर मन बहलाता हूँ ,
कि कोई तो है जो मेरे इशारों पर चलता
मदन मोहन बाहेती'घोटू'
यह एक कटु सत्य है ,
कि हर पति की तरह ,
मै भी अपनी पत्नी से डरता हूँ
और उनकी उँगलियों के ,
इशारों पर नाचा करता हूँ
चाहे किसी की भी हो गलती
डाट मुझ पर ही पड़ती
पत्नी के आगे मेरी एक नहीं चलती
रह जाता हूँ मन मसोस
और अपनी तक़दीर को कोस
सोचता हूँ कि मै अकेला ही नहीं हूँ,
जिसे झेलनी पड़ती ये मुसीबत है
हर पति की ये ही हालत है
फिर भी निकालने को मन के भड़ास
मै भिंडी की सब्जी बनाता हूँ ख़ास
लम्बी लम्बी भिंडियों को काट कर ,
फिर उनमे चीरा लगा कर
मिर्च और मसाला देता हूँ भर
फिर उन्हें गरम गरम तेल में पकाता हूँ
और दबा दबा कर खाता हूँ
क्योंकि भिंडियों को अंग्रेजी में ,
कहते है लेडी फिंगर
याने औरत की उँगलियाँ ,
और यही सोच कर
कि मेरे ऊपर जो उंगलियों के
इशारों ने किया है अत्याचार
उसका मैं लेता हूँ प्रतिकार
चाहे गलत है या सही है
मेरा भड़ास निकालने का तरीका यही है
और कुछ कर सकने की ,
मुझमे हिम्मत ही नहीं है
या फिर टी वी का रिमोट लेकर ,
बार बार चैनल हूँ बदलता
और दूर करता हूँ अपनी व्याकुलता
और यही सोच कर मन बहलाता हूँ ,
कि कोई तो है जो मेरे इशारों पर चलता
मदन मोहन बाहेती'घोटू'
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