बूढ़े भी कुछ कम नहीं
क्या जवानों ने ही ठेका ले रखा ,
आशिक़ी का,बूढ़े भी कुछ कम नहीं
बूढ़े सीने में भी है दिल धड़कता ,
बूढ़े तन में होता है क्या दम नहीं
जवानी में बहुत मारी फ़ाक्ता ,
अनुभव से काबलियत आ गयी ,
बात ये दीगर है ,पतझड़ आ गया ,
रहा पहले जैसा अब मौसम नहीं
घोटू
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