कृष्णजी का हैप्पी बर्थडे
माखनचोर बर्थडे तेरा ,ख़ुशी ख़ुशी इस तरह मनाया
दफ्तर में ,अपने साहब पर ,मैंने मख्खन खूब लगाया
बढ़ती हुई उमर में अपनी ,रास रचाना ,रास न आये
बालकृष्ण के जन्मदिवस पर ,उजले बाल, कृष्ण करवाये
रख कर, दिन भर व्रत ,तुम्हारे जन्मदिवस की ख़ुशी मनाई
मुझे रिटर्न गिफ्ट में अब तुम ,दे दो इतना ज्ञान कन्हाई
छोड़ी मथुरा ,गए द्वारिका ,यह तो अब बतलादो नटवर
मज़ा समन्दर तीरे ज्यादा आया या यमुना के तट पर
तुमने आठ आठ रानी संग , तार तम्य कैसे बिठलाया
कैसे सबके साथ निभाया, मैं तो एक संभाल न पाया
ओ गीता के ज्ञानी गायक ,कैसी थी तुम्हारी माया
रह कर बने तटस्थ सारथी ,युद्ध पांडवों को जितवाया
उस बंशी में क्या जादू था,राधा मुग्ध हुई जिस धुन पर
क्यों लड्डूगोपाल रूप में ,अब भी पूजे जाते घर घर
लोग आपको खुश करने को , राधे राधे क्यों है गाये
इतनी बात अगर समझा दो,मेरा जनम सफल हो जाये
मदन मोहन बाहेती'घोटू'
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