Wednesday, September 20, 2017

सर्वपितृ अमावस -नमन पुरखों को 

हम अपने पुरखों को ,कोटि कोटि करें नमन  ,
दौड़ रहा रग रग में ,अंश उनका अब भी है 
उनकी ही कृपा और आशीषों का फल है,
विकसित,फलफूल रहा वंश उनका अब भी है 
उनके ही भले करम और दिया दान धरम ,
का ही ये  परिणाम ,आज नाम और यश है 
आओ हम श्रद्धा से ,उनको दें श्रद्धांजलि ,
श्राद्ध करें ,क्योंकि आज ,सर्वपितृ मावस है 

मदन मोहन बाहेती'घोटू'

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