रिश्ते
जीवन के आरम्भ में ,
किसी के बेटे होते है आप
और बढ़ते समय के साथ,
बन जाते है किसी के पति ,
और फिर किसी के बाप
उमर जब बढ़ती है और ज्यादा
तो आप बन जाते है ,
किसीके ससुर और किसी के दादा
और इस तरह,
तरह तरह के रिश्ते निभाते हुए,
आप इतने थक जाते है
कि तस्वीर बन कर ,
दीवार पर लटक कर ,
अपना अंतिम रिश्ता निभाते है
घोटू
No comments:
Post a Comment