बंटवारा
जब हम छोटे होते है
और घर में कोई चीज लाई जाती है
तो सभी भाई बहनो में ,
बराबर बाँट कर खाई जाती है
कोई झटपट का लेता है
कोई बाद मे,सबको टुंगा टुंगा,
खाकर के मजे लेता है
बस इस तरह ,हँसते खेलते ,
जब हम बड़े होते है
तब फिर होना शुरू झगड़े होते है
एक दूसरे के छोटे हुए,
उतरे कपडे पहनने वाले ,अक्सर
उतर आते है इतने निम्न स्तर पर
कि समान 'डी एन ए 'के होते हुए भी ,
अपने अपने स्वार्थ में सिमट जाते है
और बचपन में लाइ हुई चीजों की तरह ,
आपस में बंट जाते है
घोटू
No comments:
Post a Comment