अहमियत आपकी क्या है
हमारी जिंदगानी में ,अहमियत आपकी क्या है
खुदा की ये नियामत है,मोहब्बत आपकी क्या है
कभी चंदा सी चमकीली ,कभी फूलों सी मुस्काती ,
आपसे मिल समझ आया कि दौलत प्यार की क्या है
मेरे जीवन का हर मौसम,भरा है प्यार से हरदम,
बनाती लोहे को कुंदन,ये संगत आपकी क्या है
अपनी तारीफ़ सुन कर के ,आपका मुस्कराना ये,
बिना बोले ,बता देता ,कि नीयत आपकी क्या है
सुहाना रूप मतवाला ,मुझे पागल बना डाला ,
गुलाबी ओठों को चूमूँ ,इजाजत आपकी क्या है
कभी आँचल हटा देती,कभी बिजली गिरा देती,
इशारे बतला देते है कि हालत आपकी क्या है
हो देवी तुम मोहब्बत की ,या फिर हो हूर जन्नत की,
बतादो हमको चुपके से, असलियत आपकी क्या है
मदन मोहन बाहेती 'घोटू'
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