मुर्गा नंबर सात
एक नामी स्कूल में ,पढ़ता है मेरा भतीजा
एक दिन स्कूल से लौटा तो था बहुत खीजा
मैंने पूछा बेटे ,क्यों हो इतने नाराज़
क्या भूखे हो ,मम्मी ने टिफिन नहीं दिया था आज
वो भन्ना कर बोला चाचू ,ये भी होती है कोई बात
बड़ी शैतान होती है ये लड़कियों की जात
मैं बोलै क्या बात हुई,जरा खुल कर बता
किस लड़की ने तुझे दिया है सता
वो बोला ' मैं खड़ा था ,कुछ लड़कियां आई
कनखियों से मेरी ओर देखा और मुस्कराई
आगे चल एक लड़की के हाथ से एक रुमाल गिरा
मैंने देखा तो शराफत का मारा ,मैं सिरफिरा
दौड़ कर गया और रुमाल उठाया
और उन लड़कियों के हाथ में पकड़ाया
पर किसी ने भी नहीं दिया मुझको धन्यवाद
उल्टा सब की सब खिलखिला कर हंस पड़ी ,
और बोली,'आज का मुर्गा नंबर सात '
और उन्होंने जोर से लगाया कहकहा
सच चाचू ,आजकल तो शराफत का जमाना ही नहीं रहा '
ये लड़किया ,जानबूझ कर रुमाल गिरा देती है
और शरीफ लड़कों को सता कर ,मज़ा लेती है
ये लड़कियां भी अजब होती है
शैतान ,सब की सब होती है
इन्हे समझना बड़ा मुश्किल काम है
हम बोले हाँ बेटे ,इसी चक्कर में ,
हमने गुजार दी ,उमर तमाम है
घोटू
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