बीबियों का इकोनॉमिक्स
सुनती हो जी
बाजार जा रहा हूँ ,
कुछ लाना क्या ?
हाँ ,एक पाव काजू ,
एक पाव बादाम
और एक पाव किशमिश ले आना
मुझे गाजर का हलवा है बनाना
पति सारा मेवा ले आया
पांच दिन बाद उसे याद आया
पर बीबीजी ने गाजर का हलवा नहीं चखाया
वो बोला उस दिन सात सौ के ड्राय फ्रूट मगाये थे
गाजर का हलवा नहीं बनाया
पत्नीजी बोली अभी गाजर बीस रूपये किलो है ,
पंद्रह की हो जायेगी ,तब बनाउंगी
चार किलो में बीस रूपये बचाऊंगी
ऐसी होती है औरतों की इकोनॉमिक्स ,
सात सौ का मेवा डालेंगी
पर गाजर सस्ती होने के इन्तजार में ,
हलवा बनाना टालेंगी
और इस तरह बीस रूपये बचालेंगी
घोटू
No comments:
Post a Comment