अचानक क्यों ?
शादी के बाद शुरु शुरू में ,
हम पत्नी को कभी डार्लिंग,कभी गुलबदन
कभी 'हनी ' कह कर बुलाया करते थे
और इस तरह अपना प्यार जताया करते थे
पर वक़्त के साथ ;ढले जज्बात
एक दुसरे का नाम लेकर करने लगे बात
पर इस सत्योत्तर की उम्र में ,एक पार्टी में ,
जब हमने उन्हें 'हनी 'कह कर पुकारा
तो वो चकरा गयी ,उन्हें लगा प्यारा
घर आकर उनसे गया नहीं रहा
बोली ऐसा आज मुझमे तुमने क्या देखा ,
जो इतने वर्षों बाद 'हनी 'कहा
देखो सच सच बताना
तुम्हे हमारी कसम,कुछ ना छुपाना
हमने कहा ,सच तो ये है डिअर
हमारी उमर हो रही है सत्योत्तर
कभी कभी याददास्त छोड़ देती है साथ
कोशिश करने पर भी तुम्हारा नाम नहीं आरहा था याद
सच तो ये है कि सोचते सोचते ,रह रह कर
हमने तुम्हे तब पुकारा था 'हनी 'कह कर
तुम तो यूं भी हमारे प्यार में सनी हो
हमारे मन भाती ,मीठी सी 'हनी 'हो
घोटू
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