Friday, May 3, 2019

स्थान और वक़्त

धरती घूम रही निज धुरी पर सूरज के चक्कर खातीहै 
वैसे वक़्त बदलता रहता ,जैसे जगह बदल जाती है 

देश देश में अलग वक़्त यह इसीलिएमुमकिन होता है 
रात हुआ करती लन्दन में ,जब दिल्ली में दिन होता है 
मौसम भी बदला करते है ,सर्दी गरमी बरसाती है 
वैसे वक़्त बदलता रहता , जैसे जगह बदल जाती है 

कल का छुटभैया नेता जब एमपी चुन दिल्ली जाता है 
हो जाती उसकी पौबारह ,एसा वक़्त बदल जाता है 
आ जाती चेहरे पर रौनक़ थोड़ी तोंद निकल आती है 
वैसे वक़्त बदलता रहता ,जैसे जगह बदल जाती है 

रहती कितने अनुशासन में जब लड़की होजायसयानी 
वक़्त बदलता ससुराल जा बन जाती है घर की रानी 
एक इशारे पर ऊँगली के पतिदेव को नचवाती है 
वैसे वक़्त बदलता रहता ,जैसे जगह बदल जाती है 

घोटू

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